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देवो में सबसे बड़े, मेरे महादेव हैं (Devo Me Sabse Bade Mere Mahadev Hai)

देवो में सबसे बड़े,

मेरे महादेव हैं,

सर्पो की गले माल,

चंद्रमा सोहे भाल,

अद्भुत महादेव है ॥


हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी,

सृष्टि के शिव तुम तो आधार हो,

मृगछालाधारी भस्मीआधारी,

भक्तो की करते नैया पार हो,

जो भी तेरे दर पे,

आये पूरे मन से,

मन की मुरादे जरूर पाये,

डमरू की धुन से,

कष्ट मिटे तन के,

सपने वो मन के जरूर पाये,

डम डम डम डमरू बजे,

देखे सभी देव हैं,

सर्पो की गले माल,

चंद्रमा सोहे भाल,

अद्भुत महादेव है ॥


धरती के कण कण में हो समाये,

जय जय सारे जग के लोग करे,

लीला है न्यारी नंदी की सवारी,

भांग धतूरे का भोग करे,

भस्म रमाते हैं कंद मूल खाते,

तन पर बाघम्बर का वेश किया है,

त्रिनेत्रधारी के खेल हैं निराले,

जटा जूट जोगी का भेष किया है,

माँ गंगे इनकी जटा,

करती अभिषेक है,

सर्पो की गले माल,

चंद्रमा सोहे भाल,

अद्भुत महादेव है ॥


श्रीरामजी की हनुमानजी की,

शक्ति मिले इनके दरबार में,

शंकरावतारी विषप्याला धारी,

नाम नीलकंठ पड़ा संसार में,

देव असुर सबने हार मानली थी,

तब शिव शंभू ने,

ये काम किया था

पी के विष की गगरी,

गले में समाई,

मिटा के मुसीबत,

निहाल किया था,

मैं क्या कहूँ मैं कुछ नही,

सबसे अलग देव हैं,

सर्पो की गले माल,

चंद्रमा सोहे भाल,

अद्भुत महादेव है ॥


देवो में सबसे बड़े,

मेरे महादेव हैं,

सर्पो की गले माल,

चंद्रमा सोहे भाल,

अद्भुत महादेव है ॥

कब है सकट चौथ

हिन्दू धर्म में सकट चौथ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना गया है। यह मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की होती है।

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। (Shiv Uthat Shiv Chalat Shiv Sham Bhor Hai)

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है।
शिव बुद्धि, शिव चित्त, शिव मन विभोर है॥ ॐ ॐ ॐ...

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके चले आना प्रभुजी चले आना - भजन (Shrinath Banke Dinanath Banake Chale Aana Prabhuji Chane Aana)

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥

जिसको राम नाम रटना पसन्द है (Jisko Ram Naam Ratna Pasand Hai)

जिसको राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥

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