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देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,

दौड़े अमृत के लिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए,

हम नमन उनको करेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥


जो रहे अमृत के पीछे,

सोचो वो क्या देव है,

जगत के खातिर विष पिया जो,

वो बने महादेव है,

हम नमन उनको करेंगे,

हम नमन उनको करेंगे,

जो सदा सबको दिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥


औरो के खातिर जगत में,

सब नहीं जी सकते है,

जो है अविनाशी अजन्मा,

जहर वही पी सकते है,

हम नमन उनको करेंगे,

हम नमन उनको करेंगे,

जो मरे ना ना जिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥


देवता भी स्वार्थी थे,

दौड़े अमृत के लिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए,

हम नमन उनको करेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥

मन तड़पत हरि दर्शन को आज(Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)

मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

फाल्गुन में क्या करें, क्या नहीं

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदू नववर्ष शुरू होगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

है हारें का सहारा श्याम (Hai Haare Ka Sahara Shyam)

है हारे का सहारा श्याम,
लखदातार है तू ॥

श्री राम से कह देना, एक बात अकेले में: भजन (Shri Ram Se Keh Dena Ek Baat Akele Me)

श्री राम से कह देना,
एक बात अकेले में,

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