नवीनतम लेख

धन्य वह घर ही है मंदिर, जहाँ होती है रामायण (Dhanya Wah Ghar Hi Hai Mandir Jahan Hoti Hai Ramayan)

धन्य वह घर ही है मंदिर,

जहाँ होती है रामायण,

जहाँ होती है रामायण,

जहाँ होती है रामायण,

धन्य वह घर ही हैं मंदिर,

जहाँ होती है रामायण ॥


यही है कर्म की कुंजी,

यही है धर्म की पूंजी,

यही है धर्म की पूंजी,

महापतितों से पतितों के,

महापतितों से पतितों के,

भी पाप धोती है रामायण,

धन्य वह घर ही हैं मंदिर,

जहाँ होती है रामायण ॥


यही है संतो की महिमा,

यही है विश्व की गरिमा,

यही है विश्व की गरिमा,

मुक्ति का मार्ग दिखलाती,

मुक्ति का मार्ग दिखलाती,

भजन ज्योति है रामायण,

धन्य वह घर ही हैं मंदिर,

जहाँ होती है रामायण ॥


धन्य वह घर ही है मंदिर,

जहाँ होती है रामायण,

जहाँ होती है रामायण,

जहाँ होती है रामायण,

धन्य वह घर ही हैं मंदिर,

जहाँ होती है रामायण ॥

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे (Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je)

वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।

होली से पहले आने वाला होलाष्टक क्या है

एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार जब प्रह्लाद भगवान विष्णु की स्तुति गाने के लिए अपने पिता हिरण्यकश्यप के सामने अड़ गए, तो हिरण्यकश्यप ने भगवान हरि के भक्त प्रह्लाद को आठ दिनों तक यातनाएं दीं।

तेरे स्वागत में मैया जी, मैंने पलके बिछाई है (Tere Swagat Mein Maiya Ji Maine Palke Bichayi Hai)

तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलके बिछाई है,

जोगी भेष धरकर, नंदी पे चढ़कर (Jogi Bhesh Dharkar Nandi Pe Chadhkar)

जोगी भेष धरकर,
नंदी पे चढ़कर ॥