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घुमा दें मोरछड़ी(Ghuma De Morchadi)

दोहा:

बाबा थारी मोरछड़ी,

घूमे करे कमाल ।

धूम मची खाटू नगर में,

भक्तां करे धमाल ॥

हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


शरण पड्या म्हे थारी अरज करा,

खोलो पट बाबा तेरा दरश करा,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


सांचो रे दयालु तू तो मेहर करे,

भोला भक्तां की बाबा झोलियाँ भरे,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


बैठ्यो बैठ्यो मिठो मिठो मुस्कावे,

रोता जो भी आवे हँसता जावे,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दे मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥

मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन - भजन (Main Nahi Mera Nahi Ye Tan)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

शिव शंकर भोलेनाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे (Shiv Shankar Bholenath Tera Damru Baje Parvat Pe)

शिव शंकर भोलेनाथ,
तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

दर्श अमावस्या पूजा विधि

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है, जो पितरों की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा करना, तर्पण देना और धूप देना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।