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घुमा दें मोरछड़ी(Ghuma De Morchadi)

दोहा:

बाबा थारी मोरछड़ी,

घूमे करे कमाल ।

धूम मची खाटू नगर में,

भक्तां करे धमाल ॥

हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


शरण पड्या म्हे थारी अरज करा,

खोलो पट बाबा तेरा दरश करा,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


सांचो रे दयालु तू तो मेहर करे,

भोला भक्तां की बाबा झोलियाँ भरे,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


बैठ्यो बैठ्यो मिठो मिठो मुस्कावे,

रोता जो भी आवे हँसता जावे,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दे मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥

श्री विन्धेश्वरी चालीसा (Shri Vindheshwari Chalisa)

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥

भगवान दत्तात्रेय की पौराणिक कथा

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।

महाशिवरात्रि पर चंद्र देव बदलेंगे चाल

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि बेहद खास मानी गई है। यह दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,