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गोविंद चले चरावन धेनु(Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु ।

गृह गृह तें लरिका सब टेरे

शृंगी मधुर बजाई बेनु ॥


सुरभी संग सोभित द्वै भैया

लटकत चलत नचावत नेंन ।

गोप वधू देखन सब निकसीं

कियो संकेत बताई सेंन ॥

ब्रजपति जब तें बन पाउँ धारे

न परत ब्रजजन पल री चैन ।

तजि गृह काज विकली सी डोलत

दिन अरि जाए हो एक बैन ।

जसोमति पाक परोसि कहति सखि

तूं ले जाउ बेगि इह देंन ।

गोविंद लिए बिरहनी दौरी,

तलफत जैसे जल बिनु मेंन ॥


गोविंद चले चरावन धेनु ।

गृह गृह तें लरिका सब टेरे

शृंगी मधुर बजाई बेनु ॥

नन्द बाबा के अंगना देखो बज रही आज बधाई(Nand Baba Ke Angana Dekho Baj Rahi Aaj Badhai)

नन्द बाबा के अंगना देखो,
बज रही आज बधाई,

मोहे रंग दो अपने ही रंग में, मोहे ओ सांवरिया(Mohe Rang Do Apne Hi Rang Mein Mohe O Sawariya)

नैना लागे जब मोहन से,
नैना को कुछ रास ना आए,

होली खेलन आयो श्याम, आज(Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)

होली खेलन आयो श्याम
होली खेलन आयो श्याम,

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