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यगोविंदा आला रे आला(Govinda Aala Re Aala)

गोविंदा आला रे आला

ज़रा मटकी सम्भाल बृजबाला

अरे एक दो तीन चार संग पाँच छः सात हैं ग्वाला ॥

गोविंदा आला रे...॥


आई माखन के चोरों की सेना

ज़रा बच के सम्भल के जी रहना

बड़ी नटखट है फ़ौज, कहीं आई जो मौज

नहीं बचने का कोई भी ताला, ताला ॥

गोविंदा आला रे...॥


हो कैसी निकली है झूम के ये टोली

आज खेलेगी दूध से ये होली

भीगे कितना भी अंग, ठंडी हो ना उमंग

पड़े इनसे किसी का न पाला, पाला ॥

गोविंदा आला रे...॥

गोविंदा आला रे...


कब है सोमवती अमावस्या

अमावस्या तिथि प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। इस तिथि का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन स्नान-दान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

कैसे शुरू हुई होलिका दहन की प्रथा

होली का पर्व रंगों और उमंग के साथ-साथ धार्मिक आस्था से भी जुड़ा हुआ है। होलिका दहन की परंपरा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

कुंभ संक्रांति पूजा-विधि और नियम

जिस तरह सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उसी तरह जिस दिन सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश कर सकते हैं, वह दिन कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

कुंभ संक्रांति शुभ योग

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

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