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हारे के सहारे खाटू श्याम जी (Haare Ke Sahare Khatu Shyam Ji)

हारे के सहारे खाटू श्याम जी,

बिगड़े बना दो आज काम जी,

जपते है हर पल तेरा नाम जी,

बिगड़े बना दो आज काम जी ॥


जिसको मिला सहारा तेरा,

वो जग में धनवान है,

जो करता है भजन तुम्हारा,

भक्तों को पहचान है,

जनम बनेगा सुखधाम जी,

बिगड़ी बनादो आज काम जी,

हारे के सहारें खाटू श्याम जी,

बिगड़े बना दो आज काम जी ॥


तुम बिन करें भरोसा किसका,

सब मतलब के संगी है,

सबके मन में भोग लालसा,

लोभ कपट सतरंगी है,

धर्म क बढ़ा दो बाबा बाबा दाम जी,

बिगड़ी बनादो आज काम जी,

हारे के सहारें खाटू श्याम जी,

बिगड़े बना दो आज काम जी ॥


हारे के सहारे खाटू श्याम जी,

बिगड़े बना दो आज काम जी,

जपते है हर पल तेरा नाम जी,

बिगड़े बना दो आज काम जी ॥

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

गंगा के खड़े किनारे, भगवान् मांग रहे नैया (Ganga Ke Khade Kinare Bhagwan Mang Rahe Naiya)

गंगा के खड़े किनारे
भगवान् मांग रहे नैया

राम राज फिर से आयील बा (Ram Raj Fir Se Aayil Ba)

कब से लागल आस पुराइल,
सब जन के मनवा हरसाइल

शिव समा रहे मुझमें (Shiv Sama Rahe Hain Mujhme)

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

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