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हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,

तेरे सन्मुख आता हूँ ।


सन्मुख आता, मैं शरमाता

भेंट नहीं कुछ लाता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


पापी जन हूँ, मैं निर्गुण हूँ

द्वार तेरे पर आता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


मुझ पर प्रभु कृपा कीजे

पापों से पछताता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


पाप क्षमा कर दीजे मोरे,

मन से ये ही चाहता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


हे जग स्वामी, अंतर्यामी,

तेरे सन्मुख आता हूँ ।

कैसे करें भगवान दत्तात्रेय की पूजा?

भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का ही अंश माना जाता है। माता अनुसूया की कठिन साधना के फलस्वरूप ये तीनों देव ही भगवान दत्तात्रेय के रूप में अवतरित हुए थे।

श्याम ने रंगस्या जी: भजन (Shyam Ne Rangsya Ji)

मेलो फागण को खाटू में चालो,
श्याम ने रंगस्या जी,

मुझे अपनी शरण में ले लो राम(Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
लोचन मन में जगह न हो तो

मैं तो झूम झूम नाचू रे आज, आज मैया घर आयी है (Main To Jhoom Jhoom Nachu Re Aaj Maiya Ghar Aayi Hai)

मैं तो झूम झूम नाचूं रे आज,
आज मैया घर आयी है,