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भोले भोले रट ले जोगनी (Bhole Bhole Rat Le Jogani)

भोले भोले रट ले जोगनी,

शिव ही बेड़ा पार करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


उसकी मुक्ति कभी ना होगी,

जो शिव का ना ध्यान धरे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


किया भस्म जब भस्मासुर को,

जो बल पे अभिमान करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


कामदेव करे भंग तपस्या,

उसे जला के राख करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


काल भी उसका कुछ ना करता,

जो शिव जी का नाम जपे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


भोले भोले रट ले जोगनी,

शिव ही बेड़ा पार करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि

लक्ष्मी पंचमी का पर्व विशेष रूप से व्यापारियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधिवत रूप से माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त होती है।

हे जग त्राता विश्व विधाता(He Jag Trata Vishwa Vidhata)

हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।

जगन्नाथ भगवान की पूजा कैसे करें?

जगन्नाथ यानी कि जगत के स्वामी या संसार के प्रभु। यह उनके ब्रह्म रूप और संसार के पालनहार के रूप को दर्शाता है। भगवान जगन्नाथ की पूजा विशेष रूप से "रथ यात्रा" के दौरान होती है, जो एक प्रसिद्ध हिन्दू त्योहार है। यह यात्रा पुरी में आयोजित होती है और हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।

गुरुवायुर एकादशी मंदिर की पौराणिक कथा

"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

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