नवीनतम लेख

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा (Jaha Le Chaloge Vahi Me Chalunga)

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,

जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।


ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे,

तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे,

तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँगा ।

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,

जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥


दयानाथ दयानिधि, मेरी अवस्था,

तेरे ही हाथो में, मेरी व्यवस्था,

कहना होगा जो भी, तुमसे रहूँगा ।

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,

जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥


ना कोई शिकायत, ना कोई अर्जी,

कहलो करालो, जो तेरी मर्जी,

सहाओगे जो भी, हंस के सहूँगा ।

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,

जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥


जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,

जहाँ नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा ।

हरिद्वार जाउंगी, सखी ना लौट के आऊँगी(Haridwar Jaungi Sakhi Na Laut Ke Aaungi)

सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की कृपा से मिलेगा मनचाहा दूल्हा

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का शुभ अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि

दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

हमें निज धर्म पर चलना सिखाती रोज रामायण (Hame Nij Dharm Par Chalna Sikhati Roj Ramayan)

हमें निज धर्म पर चलना,
सिखाती रोज रामायण,

यह भी जाने