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जय महेश जय महादेवा (Jay Mahesh Jay Mahadeva)

तेरे दर पे आ तो गया हूँ,

राह दिखा दे मुझको काबिल कर दे,

दुखियन पे किरपा करो करूँ तेरी सेवा,

जय महेश जय महादेवा,

जय महेश जय महादेवा ॥


आँख में आंसू लब पर तू है,

मेरा जो है मेरा सब कुछ तू है,

मेरी भी झोली भरो करूँ तेरी सेवा,

जय महेश जय महादेंवा,

जय महेश जय महादेंवा ॥


दुनिया ताने मार रही है,

दुखिया मुझको पुकार रही है,

दुःख मेरे दूर करो करूँ तेरी सेवा,

जय महेश जय महादेंवा,

जय महेश जय महादेंवा ॥


तेरे दर पे आ तो गया हूँ,

राह दिखा दे मुझको काबिल कर दे,

दुखियन पे किरपा करो करूँ तेरी सेवा,

जय महेश जय महादेवा,

जय महेश जय महादेवा ॥


माँ शारदे! हम तो हैं बालक तेरे(Maa Sharde Ham To Balak Hain Tere)

माँ शारदे, माँ शारदे,
माँ शारदे, माँ शारदे,

मसान होली की पौराणिक कथा

मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ (Tumhi Me Ye Jivan Jiye Ja Raaha Hoon)

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥

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