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Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho (जिस भजन में राम का नाम ना हो)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


चाहे बेटा कितना प्यारा हो,

उसे सिर पे चढ़ाना ना चाहिए,

चाहे बेटी कितनी लाडली हो,

घर घर ने घुमाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


जिस माँ ने हम को जनम दिया,

दिल उसका दुखाना ना चाहिए,

जिस पिता ने हम को पाला है,

उसे कभी रुलाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


चाहे पत्नी कितनी प्यारी हो,

उसे भेद बताना ना चाहिए,

चाहे मैया कितनी बैरी हो,

उसे राज़ छुपाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


जिस भजन में राम का नाम ना हो,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

आमलकी एकादशी पर आंवल के उपाय

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आमलकी एकादशी का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रखते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत रख भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)

सुख दुःख दोनों रहते जिस में
जीवन है वो गाओं