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Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho (जिस भजन में राम का नाम ना हो)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


चाहे बेटा कितना प्यारा हो,

उसे सिर पे चढ़ाना ना चाहिए,

चाहे बेटी कितनी लाडली हो,

घर घर ने घुमाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


जिस माँ ने हम को जनम दिया,

दिल उसका दुखाना ना चाहिए,

जिस पिता ने हम को पाला है,

उसे कभी रुलाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


चाहे पत्नी कितनी प्यारी हो,

उसे भेद बताना ना चाहिए,

चाहे मैया कितनी बैरी हो,

उसे राज़ छुपाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


जिस भजन में राम का नाम ना हो,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥

बिन पानी के नाव (Bin Pani Ke Naav)

बिन पानी के नाव खे रही है,
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है ॥

शिव पुराण में महाशिवरात्रि कथा

हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, जिसका विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।

ना जाने आज क्यो फिर से, तुम्हारी याद आई है (Na Jaane Aaj Kyu Fir Se Tumhari Yaad Aayi Hai)

ना जाने आज क्यों फिर से,
तुम्हारी याद आई है ॥