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माँ देख तेरा श्रृंगार, करे दिल नाचण का(Ma Dekh Tera Shringar Kare Dil Nachan Ka)

माँ देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का,

नाचण का दिल नाचण का,

चाहे देखूं जितनी बार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


प्यारी सूरत भोली भाली,

सोहे नथनी बिंदियाँ वाली,

प्यारा लागे गले का हार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


ऐसा कोई फूल बचा ना,

जो तेरे गजरे में सजा ना,

माँ महक रहा संसार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


कितना सुन्दर कितना प्यारा,

देख ले ‘सोनू’ आज नजारा,

क्या खूब सजा दरबार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


माँ देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का,

नाचण का दिल नाचण का,

चाहे देखूं जितनी बार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥

श्री राम स्तुति : श्री रामचन्द्र जी की आरती (Shri Ramchandra Ji Ki Aarti)

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख कर, कंज पद कंजारुणम्॥

मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान (Marne Wala Hai Bhagwan Bachane Wala Hai Bhagwan)

श्रद्धा रखो जगत के लोगो,
अपने दीनानाथ में ।

कैसे करें एकादशी माता का श्रृंगार?

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।

भगवान कार्तिकेय की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय शिव-शक्ति के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और बुद्धि का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, भगवान कार्तिकेय को शक्ति और पराक्रम का स्वामी के रूप में भी जाना जाता है।

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