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छोटी-छोटी कन्याएं(Maa Choti Choti Kanyaen)

देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


हल वो सवाल करें,

सबको निहाल करें ।

बांटे रे सच्चा प्यार माँ,

छोटी छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


मुख मंडल का तेज न्यारा,

कहते हैं वो रूप तुम्हारा ।

प्यारी प्यारी भोली भाली,

बातें करती बहुत निराली ।

बड़ी दयावान है वो,

देती वरदान है वो ।

बेड़े लगाती पार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कंजकाऐं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कंजकाऐं ॥


जो जन उनका करें अनादर,

दुख से भटके वो तो दर दर ।

चरण छुएगें जो भी मन से,

सुखी रहेंगे सुख के धन से ।

मीठी मीठी बातों से,

प्यारी करामातों से ।

देती है कार्य संवार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


हस के वह थपकी जिसको देती,

सारे संकट हर वो लेती ।

तेरी तरह ही से महामाया,

कोई ना जाने उनकी माया ।

नाम के दीवानों के,

जोगी मस्तानो के ।

सपने करें साकार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥

परदेस जा रहे हो, कैसे जियेंगे हम (Parades Ja Rahe Ho, Kaise Jiyenge Hum)

परदेस जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम,

रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

राम नाम जपते रहो, जब तक घट घट मे प्राण (Ram Nam Japte Raho, Jab Tak Ghat Ghat Me Ram)

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जब तक घट घट मे प्राण ।

होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है

हर घर में होली के मौके पर गुजिया बनाई और खाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा क्यों है? इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व छिपा हुआ है। तो आइए जानते हैं कि होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है और इसके पीछे की कहानियां क्या हैं।

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