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मैं सहारे तेरे, श्याम प्यारे मेरे (Main Sahare Tere, Shyam Pyare Mere)

मैं सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे,

मेरी चिंता मिटा दे तू,

है जहाँ तेरा दर,

एक छोटा सा घर,

वही मेरा बना दे तू,

मै सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे ॥


तू सहारा है हारे का बाबा,

देख सब कुछ मैं हारा हुआ हूँ,

मेरे जख्मों पे मरहम लगा दे,

मैं मुकद्दरका मारा हुआ हूँ,

मेरा बैरी जहान और जाऊं कहाँ,

श्याम इतना बता दे तू,

मै सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे ॥


शीश चौखट पे तेरी रखा है,

दे दे आशीष ओ शीश दानी,

मेरे आंसू बयाँ कर रहे है,

मेरे हर एक गम की कहानी,

सबको बांटे ख़ुशी,

मेरे होंठो को भी,

मुस्कुराना सिखा दे तू,

मै सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे ॥


थाम लेगा तू हाथ मेरा,

जीत जाऊंगा मैं खाटू वाले,

अब तो मेरे भरोसे की नैया,

है मेरे श्याम तेरे हवाले,

दे गए सब दगा,

देर अब ना लगा,

कुछ करिश्मा दिखा दे तू,

मै सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे ॥


मैं सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे,

मेरी चिंता मिटा दे तू,

है जहाँ तेरा दर,

एक छोटा सा घर,

वही मेरा बना दे तू,

मै सहारे तेरे,

श्याम प्यारे मेरे ॥

बजरंगी महाराज, तुम्हे भक्त बुलाते है (Bajrangi Maharaj Tumhe Bhakt Bulate Hai)

बजरंगी महाराज,
तुम्हे भक्त बुलाते है,

प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Ki Katha )

प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।

तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो (Prayer Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho )

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

चैत्र महीना भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।