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मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला,

वो है पारस महादेव भोला,

चरण छु कर मैं कुंदन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,


नही मिलते है अनुरागियों को,

शिव तो मिलते है बैरागियो को,

मैं भी उनकी बैरगान बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


करके जी जान से उसकी भक्ति,

शिव से माँगूंगी नारी की मुक्ति,

नारी जाती का दर्पण बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी

श्री सत्यनारायण जी की आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti )

जय लक्ष्मीरमणा, श्री जय लक्ष्मीरमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जनपातक हरणा॥

ललिता चालीसा का पाठ

ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी जगत जननी हैं। मान्यता है कि देवी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti)

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर, आवो प्रभु विश्वकर्मा।
सुदामा की विनय सुनी और कंचन महल बनाये।

ओ मेरे गोपाल कन्हैया, मोहन मुरली वाले (O Mere Gopal Kanhaiya Mohan Murliwale)

ओ मेरे गोपाल कन्हैया,
मोहन मुरली वाले,

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