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मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम,

राधे राधे गाएंगे,

ओ राधे राधे गाएंगे,

राधे राधे गाएंगे,

तेरा कोड़ी लगे न च दाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


वृन्दावन में बाँके बिहारी,

ओढ़ के बैठ्यो कांवलिया काली,

तुझे वही पे मिले विश्राम,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


वृन्दावन में यमुना किनारा,

निर्मल शीतल बहती है धारा,

तुझे मिल जाये श्यामा श्याम,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


श्री निधिवन की शोभा है न्यारी,

हरिदास जु के बांके बिहारी,

तेरे बन जाये बिगड़े काम,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


पागल का पागलपन देखो,

प्रभु की खातिर तन मन देखो,

देखो बरसानो और नंदगाँव,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


मन चल रे वृन्दावन धाम,

राधे राधे गाएंगे,

ओ राधे राधे गाएंगे,

राधे राधे गाएंगे,

तेरा कोड़ी लगे न च दाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


चाहे राम भजो चाहे श्याम (Chahe Ram Bhajo Chahe Shyam)

चाहे राम भजो चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है,

होलाष्टक में करें इन देवी-देवताओं की पूजा

होलाष्टक का समय फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा (होलिका दहन) तक रहता है। यह अवधि अशुभ मानी जाती है, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।

बुधवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।

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