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मैं तो तेरी हो गई श्याम: भजन (Me Too Teri Hogai Shayam, Dunyan Kya Jane)

मैं तो तेरी हो गई श्याम,

दुनिया क्या जाने,

क्या जाने कोई क्या जाने,


क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


तन भी तेरा ये मन भी तेरा,

घर भी तेरा ये धन भी तेरा,

मैंने जीवन कर दिया नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


लोक लाज मैंने मान भी छोड़ा,

तेरे चरणों में मन को जोड़ा,

मैं तो रटूं तुम्हारा नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


तू मेरा मैं तेरी होई,

तेरी प्रीत में सुध बुध खोई,

मुझे लोग करे बदनाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


शरण में आई गले लगाले,

मुझको बस सेवा में लगाले,

मेरा जीवन तेरे नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


मैं तो तेरी हो गई श्याम,

दुनिया क्या जाने,

क्या जाने कोई क्या जाने,


क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥

विनायक चतुर्थी चालीसा

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो (Mere Ghanshyam Se Tum Mila Do)

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो,
मैं हूँ उनका यार पुराना,

श्री राम स्तुति: नमामि भक्त वत्सलं (Namami Bhakt Vatsalan)

नमामि भक्त वत्सलं ।
कृपालु शील कोमलं ॥

फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है।