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मैं तो तेरी हो गई श्याम: भजन (Me Too Teri Hogai Shayam, Dunyan Kya Jane)

मैं तो तेरी हो गई श्याम,

दुनिया क्या जाने,

क्या जाने कोई क्या जाने,


क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


तन भी तेरा ये मन भी तेरा,

घर भी तेरा ये धन भी तेरा,

मैंने जीवन कर दिया नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


लोक लाज मैंने मान भी छोड़ा,

तेरे चरणों में मन को जोड़ा,

मैं तो रटूं तुम्हारा नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


तू मेरा मैं तेरी होई,

तेरी प्रीत में सुध बुध खोई,

मुझे लोग करे बदनाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


शरण में आई गले लगाले,

मुझको बस सेवा में लगाले,

मेरा जीवन तेरे नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


मैं तो तेरी हो गई श्याम,

दुनिया क्या जाने,

क्या जाने कोई क्या जाने,


क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥

बिनती सुनिए नाथ हमारी - भजन (Bhajan: Binati Suniye Nath Hamari)

गोपाल गोकुल वल्लभी,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभम,

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

लाली लाली लाल चुनरियाँ (Laali Laali Laal Chunariya)

लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए ॥

स्कंद षष्ठी पारण विधि

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव यानी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं।