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मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

भैया भैया कह के, भैया भैया कह के,

रस प्राणों में घोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल ॥


इस धरती पे और ना होगा,

मुझ जैसा हतभागा,

मेरे रहते बाण शक्ति का,

तेरे तन में लागा,

जा नहीं सकता तोड़ के ऐसे,

मुझसे नेह का धागा,

मैं भी अपने प्राण तजूँगा,

आज जो तू नहीं जागा,

अंखियो के तारे, अंखियो के तारे,

लल्ला अंखिया तू खोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल ॥


बीती जाए रेन पवनसुत,

क्यों अब तक नहीं आए,

बुझता जाए आस का दीपक,

मनवा धीर गंवाए,

सूर्य निकलकर सूर्य वंश का,

सूर्य डुबो ना जाए,

बिना बुलाये बोलने वाला,

बोले नहीं बुलाये,

चुप चुप रहके, चुप चुप रहके,

मेरा धीरज ना तोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल ॥


मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

भैया भैया कह के भैया भैया कह के,

रस प्राणों में घोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल ॥

मेरो खोय गयो बाजूबंद (Mero Khoy Gayo Bajuband)

उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है(Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)

प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात,
मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥

काशी विश्वनाथ से मां अन्नपूर्णा का संबंध

मार्गशीर्ष महीने में पूर्णिमा तिथि अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस साल अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को है। मां अन्नपूर्णा की कृपा से अन्न-धन का भंडार सदैव भरा रहता है।

श्री गायत्री चालीसा (Sri Gayatri Chalisa)

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥