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मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे (Mere Man Mandir Me Tum Bhagwan Rahe)

मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे,

मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे

मेरे घर में कितने दिन मेहमान रहे,

मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे

गणपती बाप्पा मोरया,

अगले बरस तू जल्दी आ ॥


कितनी उम्मीदे बंध जाती है तुम से,

तुम जब आते हो,

अब के बरस देखे क्या दे जाते हो,

क्या ले जाते हो ॥


गणपती बाप्पा मोरया,

अगले बरस तू जल्दी आ ॥


अपने सब भक्तो का तुम को ध्यान रहे

मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे ॥


आना जाना जीवन है,

जो आया कैसे जाए ना,

खिलने से पहले ही लेकिन,

फूल कोई मुरझाये ना।

गणपती बाप्पा मोरया,

अगले बरस तू जल्दी आ,

न्याय अन्याय की कुछ पहचान रहे

मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे ॥


असुवन का कतरा कतरा,

सागर से भी है गहरा

इसमे डूब ना जाऊं मै,

तुम्हारी जय जय गाऊं में ॥


वरना अब जब आओगे,

तुम मुझको ना पाओगे

तुम को कितना दुःख होगा,

गणपती बाप्पा मोरया।

अपनी जान के बदले अपनी,

जान मै अर्पण करता हूँ,

आखरी दर्शन करता हूँ,

अब मै विसर्जन करता हुं,

गणपती बाप्पा मोरया,

अगले बरस तू जल्दी आ ॥


मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे,

मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे ॥

मोरे गणपति गणेश करों किरपा(More Ganpati Ganesh Karo Kirpa)

जो कुछ है सब तोय,
तेरा तुझको सौंप दूँ,

मैया के चरणों में, झुकता है संसार (Maiya Ke Charno Me Jhukta Hai Sansar)

मैया के चरणों में,
झुकता है संसार,

श्री कुवेर चालीसा (Shree Kuveer Chalisa)

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥

मकर संक्रांति पर कहां लगाएं डुबकी

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन गंगा में स्नान का काफी महत्व है। इस दिन महाकुंभ में स्नान किया जा सकता है।