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नित नयो लागे साँवरो (Nit Nayo Lage Sanvaro)

नित नयो लागे साँवरो,

इकि लेवा नज़र उतार,

नजर ना लग जावै,

एकी लेवा नज़र उतार,

नज़र ना लग जावे ।


सोने के सिंघासन पर,

बैठयो म्हारों श्याम धणी,

तन केसरियो बागों है,

सोभा अपरम्पार घणी,

धीरे धीरे मुळक रह्यो,

धीरे धीरे मुलक रह्यो,

नैना से छलके प्यार,

नज़र ना लग जावै,

एकी लेवा नजर उतार,

नज़र ना लग जावे ।


भाँति भाँति के फूला का,

लाम्बा लाम्बा गजरा है,

ऊपर से इतर छिड़के,

घणा श्याम का नख़रा है,

इके आगे फ़ीका है,

इके आगे फ़ीका है,

दुनिया का राजकुमार,

नज़र ना लग जावै,

एकी लेवा नजर उतार,

नज़र ना लग जावे ।


सजधज कर के श्याम धणी,

निज दरबार लगावे है,

एक बार जो देखे है,

नज़र हटा न पावे है,

बच के रहियों साँवरा,

बच के रहियों साँवरा,

बिन्नू का ये उदगार,

नज़र ना लग जावै,

एकी लेवा नजर उतार,

नज़र ना लग जावे ।


नित नयों लागे साँवरो,

इकि लेवा नज़र उतार,

नजर ना लग जावै,

एकी लेवा नज़र उतार,

नज़र ना लग जावे ।

जो भजे हरि को सदा (Jo Bhaje Hari Ko Sada)

जो भजे हरि को सदा,
जो भजे हरि को सदा,

ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ (O Ganga Tum,Ganga Behti Ho Kiyon)

करे हाहाकार निःशब्द सदा
ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?

षटतिला एकादशी पर तिल के उपाय

षटतिला एकादशी माघ महीने में पड़ती है और इस साल यह तिथि 25 जनवरी को है। षटतिला का अर्थ ही छह तिल होता है। इसलिए, इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।

अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।