नवीनतम लेख

मेरे संग संग चलती(Mere Sang Sang Chalti)

संकट में झुँझन वाली की,

सकलाई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि हैं ॥


कोई राह नज़र ना आए,

जब छाए गम के बादल,

सर पे महसूस किया है,

मैंने दादी का आँचल,

माँ की चुनड़ी मेरे सर पे,

माँ की चुनड़ी मेरे सर पे,

लहराई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि हैं ॥


ये है तक़दीर हमारी,

जो तेरी शरण मिली है,

क़िस्मत से तू हम भक्तो की,

दादी तू कुलदेवी है,

मेरे सुख दुःख ने हरदम,

मेरे सुख दुःख ने हरदम,

माँ आई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि हैं ॥


तूने तो दिया है दादी,

मुझको औकात से बढ़कर,

‘सौरभ मधुकर’ की तूने,

रख दी तक़दीर बदलकर,

हमने माँ के दरबार की,

हमने माँ के दरबार की,

सच्चाई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि हैं ॥


संकट में झुँझन वाली की,

सकलाई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि है,

मेरे संग संग चलती,

दादी की परछाई देखि हैं ॥

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी (Door Nagari Badi Door Nagri)

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया,

मोरी मैया महान(Mori Maiya Mahan)

मोरी मैया महान,
मोरी मईया महान,

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,

जगदीश जी की आरती (Shri Jagdish Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

यह भी जाने