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म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ(Mhara Kirtan Mein Ras Barsao)

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,

आओ जी गजानन आओ ॥


श्लोक – सदा भवानी दाहिनी,

सनमुख रहे गणेश,

पांच देव रक्षा करे,

ब्रम्हा विष्णु महेश ॥


म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,

आओ जी गजानन आओ ॥

ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपती बप्पा मोरया ॥


रणत भंवर से आओ जी गजानन,

रणत भंवर से आओ जी गजानन,

रिद्धि सिद्धि ने संग प्रभु लाओ,

आओ जी गजानन आओ ॥


ॐ गण गणपतये नमो नमः,

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः,

अष्टविनायक नमो नमः,

गणपती बप्पा मोरया ॥


पार्वती के पुत्र गजानन,

पार्वती के पुत्र गजानन,

भोले शंकर के मन भाओ

आओ जी गजानन आओ ॥


ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपती बप्पा मोरया ॥


हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी,

हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी,

थारे मौदक भोग लगावा,

आओ जी गजानन आओ ॥


ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपती बप्पा मोरया ॥


मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

हर्ष हर्ष गुण गाओ गुण गाओ,

आओ जी गजानन आओ ॥


ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपती बप्पा मोरया ॥


म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ,

आओ जी गजानन आओ ॥

ओ मैया मैं तुम्हारा, लगता नहीं कोई (O Maiya Main Tumhara Lagta Nahi Koi)

ओ मैया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,

भगवान इंद्र की पूजा विधि

सनातन धर्म में इंद्रदेव को देवों के राजा और आकाश, वर्षा, बिजली और युद्ध के देवता के रूप में पूजा जाता है। इंद्रदेव के आशीर्वाद से पृथ्वी पर वर्षा होती है, जो कृषि और जीवन के लिए आवश्यक है।

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

बजरंगबली आओ, हनुमान चले आओ (Bajrangbali Aao Hanuman Chale Aao)

बजरंगबली आओ,
हनुमान चले आओ,