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नर से नारायण बन जायें(Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)

नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥

दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।

उर में सबके प्रति प्यार भरें, जल बनकर मरुथल में बिखरें।

बाधाओं से टकरा जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥


आलस में दिवस न कटें कभी, सेवा के भाव न मिटें कभी।

पथ से ये चरण न हटें कभी, जनहित के कार्य न छुटें कभी।

दैवी क्षमताएँ विकसायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥


यह विश्व हमारा ही घर हो, उर में स्नेह का निर्झर हो।

मानव के बीच न अन्तर हो, बिखरा समता का मृदु स्वर हो।

पूरब की लाली बन छायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥

तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में

दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)

मंगल की सेवा सुन मेरी देवाMangal Ki Sewa Sun Meri Deva)

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।

चंद्रदेव को प्रसन्न करने के उपाय

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।

गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं (Gajmukham Dvibhujam Deva Lambodaram)

गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं,
भालचंद्रं देवा देव गौरीशुतं ॥

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