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फूलो से अंगना सजाउंगी (Phoolon Se Angana Sajaungi)

फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


चन्दन चौकी बिछाऊ

माँ का आसन सजाउं

मै तो माँ को उस पे बिठाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


मंगल कलश सजाऊ

गंगा जल भर लाऊ

मै तो माँ के चरण धुलाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


केसर रोली लेकर आऊ मै

घिस घिस चन्दन तिलक बनाऊ

मै तो माँ के तिलक लागाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


हलवा छोले बनाऊ

मै तो भोग लगाऊ

अपने हाथो से माँ को खिलाऊगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

कब है बसंत पंचमी 2025?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

सालासर धाम निराला बोलो जय बालाजी (Salasar Dham Nirala Bolo Jay Balaji)

सालासर धाम निराला,
की बोलो जय बालाजी,

मोहे लागी लगन गुरु चरणन की(Mohe Lagi Lagan Guru Charanan Ki)

अखंड-मंडलाकारं
व्याप्तम येन चराचरम

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