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प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,

गणपति जगत खिवैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


खजराना मे आन बिराजे,

ये मेरे गणराज रे,

रिद्धि सिद्धि के दाता देखो,

ये मेरे महराज रे,

तुम हि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


लेकर द्वार तुम्हारे आये,

ये फूलों की माला,

देखो हमको भूल ना जाना,

तु सबका रखवाला,

तुमहि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


भक्ति का ज्ञान देदे हमको,

शक्ति की इक्छा देदे,

नस नस मे हो प्रेम भावना,

ऐसी इच्छा दे दे,

तुमहि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,

गणपति जगत खिवैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥

जय जय जननी श्री गणेश की (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

जय जय जननी श्री गणेश की
जय जय जननी श्री गणेश की

जिस ओर नजर फेरूं दादी, चहुँ ओर नजारा तेरा है (Jis Aur Nazar Ferun Dadi Chahun Aur Nazara Tera Hai)

जिस ओर नजर फेरूं दादी,
चहुँ ओर नजारा तेरा है,

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति(Riddhi Siddhi Ke Data Suno Ganpati )

सारी चिंता छोड़ दो,
चिंतामण के द्वार,

ललिता देवी मंदिर शक्तिपीठ

मां ललिता देवी का मंदिर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर 88 हजार ऋषियों की तपस्थली, वेदों और पुराणों की रचना स्थली नैमिषारण्य में स्थित है। मां ललिता देवी को त्रिपुर सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है।