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रघुनन्दन राघव राम हरे
सिया राम हरे सिया राम हरे ।
शिव जी का नाम सुबह शाम, भक्तो रटते रहना,
गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।
जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।
खाटू वाले श्याम हमारे, भक्तों के तू काज संवारे,