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राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

जब राम मेरे घर आएंगे,

सियाराम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं चुन चुन कलियाँ लाऊंगी,

हाथों से हार बनाऊँगी,

मैं उनको हार पहनाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं चन्दन चौकी बिछाऊँगी,

फूलों से उसे सजाऊंगी,

मैं प्रेम से उन्हें बिठाउंगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं छप्पन भोग बनाउंगी,

हाथों से उन्हें खिलाऊंगी,

मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊंगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं रो रो उन्हें मनाऊंगी,

गा गा कर उन्हें सुनाऊँगी,

मैं अपना हाल बताउंगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं फूलों की सेज बिछाऊँगी,

झालर का तकिया लगाउंगी,

मैं उनके चरण दबाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


राहों में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

जब राम मेरे घर आएंगे,

सियाराम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥

मेरे बालाजी सरकार, के तो रंग निराले (Mere Balaji Sarkar Ke To Rang Nirale Hai)

मेरे बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले,

ओ माँ पहाड़ावालिये, सुन ले मेरा तराना (O Maa Pahadan Waliye Sun Le Mera Tarana)

ओ माँ पहाड़ावालिये,
सुन ले मेरा तराना ॥

थोड़ा देता है या ज्यादा देता है (Thoda Deta Hai Ya Jyada Deta Hai)

थोड़ा देता है या ज्यादा देता है,
हमको तो जो कुछ भी देता,

पौष अमावस्या कब है

तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।

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