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रमतो भमतो जाय, आज माँ नो गरबो(Ramto Bhamto Jay Aaj Maa No Garbo)

रमतो भमतो जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

पवन झपाटा खाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


माँ ना गरबा मा नवलख तारला,

माँ ना गरबा मा नवलख तारला,

अम्बिका ने माथे सुहाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


इरे गरबो चवद ब्रम्हांड फरतो,

इरे गरबो चवद ब्रम्हांड फरतो,

जल हल जल हलकाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


वाया वाया रे काई तोफानी बायरा,

वाया वाया रे काई तोफानी बायरा,

तोये ना जाखो थाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


चाँदा सूरज नि ज्योतु रे जलती,

चाँदा सूरज नि ज्योतु रे जलती,

समदर ना दिविल क़ुराय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


रमतो भमतो जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

पवन झपाटा खाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


क्या वो करेगा लेके चढ़ावा (Kya Wo Karega Leke Chadawa)

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा,
सब कुछ त्याग के बैठा कहीं,

भोले नाथ का मैं बनजारा (Bholenath Ka Main Banjara)

भोले नाथ का मैं बनजारा,
छोड़ दिया मैंने जग सारा,

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।

मैं ढूँढता तुझे था - प्रार्थना (Mai Dhundta Tujhe Tha: Prarthana)

मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में ।
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