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शेरावाली का सच्चा दरबार है (Sherawali Ka Sacha Darbar Hai)

शेरावाली का सच्चा दरबार है,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

सच्चा दरबार है, भरते भंडार है,

शेरावाली का सच्चा दरबार हैं,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है ॥


पर्वत पे एक गुफा के अंदर,

मैया का है प्यारा मंदिर,

मैया का है प्यारा मंदिर,

सिंह सवारी कर के बैठी,

लगती मैया कितनी सुन्दर,

लगती मैया कितनी सुन्दर,

दर्शन करने को आता संसार है,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

शेरावाली का सच्चा दरबार हैं,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है ॥


तीन लोक की है महारानी,

ये जगदम्बा ये ही भवानी,

ये जगदम्बा ये ही भवानी,

बिगड़ी बनाने वाली माँ है,

बड़ी दयालु बड़ी है दानी,

मनचाहा सबको देती उपहार है,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

शेरावाली का सच्चा दरबार हैं,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है ॥


मैया के दर पे जो आए,

चरणों में जो शीश झुकाए,

चरणों में जो शीश झुकाए,

जय माता दी बोल बोल के,

‘सोनू’ जो जयकारे लगाए,

‘सोनू’ जो जयकारे लगाए,

उनका तो हो जाता बेड़ा पार है,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

शेरावाली का सच्चा दरबार हैं,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है ॥


शेरावाली का सच्चा दरबार है,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

सच्चा दरबार है, भरते भंडार है,

शेरावाली का सच्चा दरबार हैं,

यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है ॥

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी (Darshan Do Ghansyam Nath Mori Akhiyan Pyasi Re)

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी,
अँखियाँ प्यासी रे ।

गौरा ने घोट कर, पीस कर छान कर(Gora Ne Ghot Kar Piskar Chhankar)

गौरा ने घोट कर,
पीस कर छान कर,

वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

ऐसे मेरे मन में विराजिये - भजन (Aaise Mere Maan Main Virajiye)

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