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तुम रूठे रहो मोहन (Tum Ruthe Raho Mohan)

तुम रूठे रहो मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे,

आहों मे असर होगा,

घर बैठे बुला लेंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम कहते हो मोहन,

हमें मधुबन प्यारा है,

इक बार तो आ जाओ,

मधुबन ही बना देंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम कहते हो मोहन,

हमें राधा प्यारी है,

इक बार तो आ जाओ,

राधा से मिला देंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम कहते हो मोहन,

हमें माखन प्यारा है,

इक बार तो आ जाओ,

माखन ही खिला देंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम कहते हो मोहन,

हमें कहाँ बिठाओगे,

इस दिल में तो आ जाओ,

पलकों पे बिठा लेंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम हमको ना चाहो,

इसकी हमें परवाह नही,

हम वादे के पक्के है,

तुम्हे अपना बना लेंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम रूठे रहो मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे,

आहों मे असर होगा,

घर बैठे बुला लेंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


लगी आग जो सीने में,

तेरी प्रेम जुदाई की,

हम प्रेम की धारा से,

लगी दिल की बुझा लेंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥


तुम रूठे रहो मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे,

आहों मे असर होगा,

घर बैठे बुला लेंगे,

तुम रूठे रहों मोहन,

हम तुम्हे मना लेंगे ॥

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।

दर्शन को तेरे आया(Darshan Ko Tere Aaya )

दर्शन को तेरे आया,
सब देव तेरी माया,

कब है बसंत पंचमी 2025?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

गौरी के लाड़ले (Gauri Ke Ladle)

गौरी के लाड़ले,
महिमा तेरी महान,

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