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वो काला एक बांसुरी वाला (Wo Kala Ek Bansuri Wala)

वो काला एक बांसुरी वाला,

सुध बिसरा गया मोरी रे ।

माखन चोर वो नंदकिशोर जो,

कर गयो मन की चोरी रे ॥

पनघट पे मोरी बईया मरोड़ी,

मैं बोली तो मेरी मटकी फोड़ी ।

पईया परूँ करूँ बीनता मैं पर,

माने ना वो एक मोरे रे ॥


छुप गयो फिर एक तान सुना के,

कहाँ गयो एक बाण चला के ।

गोकुल ढूंढा मैंने मथुरा ढूंढी,

कोई नगरिया ना छोड़ी रे ॥

भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना(Bhagwan Meri Naiya Us Par Gaga Dena)

भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,

यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,
मैं वेदन में सुन आई,

किसे नहीं देखना चाहिए होलिका दहन

होली का त्योहार जितना रंगों और उमंग से भरा होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण इससे जुड़ी धार्मिक परंपराएं भी हैं। होलिका दहन एक पौराणिक परंपरा है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है।

आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ (Aaja Maa Aaja Maa Ek Baar Mere Ghar Aaja Maa )

आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आजा माँ,

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