आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार (Aayo Aayo Re Shivratri Tyohaar)

आयो आयो रे शिवरात्रि त्यौहार,

सारा जग लागे आज काशी हरिद्वार,

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥


धरती और गगन ने मिलके,

शब्द यही दोहराए,

ओम नमः शिवाय बोलो,

ओम नमः शिवाय,

चलो शिव धाम चलो,

चाहो अगर उद्धार,

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार,

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥


शिवरात्रि के दिन श्रद्धा से,

शिव महिमा जो गाए,

अंत समय शिव भक्ति उसको,

मोक्ष की राह दिखाए,

आज के दिन सुनते,

शिव भक्तो की पुकार,

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार,

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥


आयो आयो रे शिवरात्रि त्यौहार,

सारा जग लागे आज काशी हरिद्वार,

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥

........................................................................................................
रामजी की निकली सवारी (Ramji Ki Nikali Sawari Ramji Ki Leela Hai Nayari)

सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला
हाथ धनुष गले में पुष्प माला

जैसे तुम सीता के राम (Jaise Tum Sita Ke Ram)

जैसे तुम सीता के राम
जैसे लक्ष्मण के सम्मान

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

गृह शांति पूजा विधि

हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने