आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,

एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं,

मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी,

योग के स्पर्श से अब योगमय करना है तन-मन,

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन,

उतरे मुझमे आदियोगी,

योग धारा चलत छण छण,

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन,

उतरे मुझमे आदियोगी,

उतरे मुझमे आदियोगी..


पीस दो अस्तित्व मेरा,

और कर दो चूरा चूरा,

पूर्ण होने दो मुझे और,

होने दो अब पूरा पूरा,

भस्म वाली रस्म कर दो आदियोगी,

योग उत्सव रंग भर दो आदियोगी,

बज उठे यह मन सितरी,

झणन झणन झणन झणन झन झन,


साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन..

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन..


साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन..


साँस सास्वत..

प्राण गुंजन..


उतरे मुझमे आदियोगी,

योग धारा छलक छन छन,

साँस सास्वत सनन सनननन,

प्राण गुंजन धनन धन-धन,

उतरे मुझमे आदियोगी..

उतरे मुझमे आदियोगी..

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दादी चरणों में तेरे पड़ी, मैया (Dadi Charno Mein Tere Padi Maiya)

दादी चरणों में तेरे पड़ी,
मैया तुझको निहारूं खड़ी,

राम नवमी पर अयोध्या में भव्य आयोजन

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ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,
रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी व्रत, कथा और इसका पौराणिक महत्व

Skanda Sashti 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का पर्व 09 सितंबर को मनाया जाएगा।

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