ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ (Aisa Darbar Kahan Aisa Datar Kaha)

ऐसा दरबार कहाँ,

ऐसा दातार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


मुझे अपना बना के,

अहसान कर दिया है,

मुझको गले लगा के,

बाबा सारी दुनिया में,

तेरे जैसा प्यार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


मेरी नजर के आगे,

हर काम हो रहा है,

तकलीफ मिट गई है,

आराम हो गया है,

बाबा सब काम करे,

यहाँ इनकार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


सबकी है क्या जरुरत,

बस एक को मना लो,

भक्तो तुम अपना साथी,

भूतनाथ को बना लो,

और किसी की भी,

फिर दरकार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


ऐसा दरबार कहाँ,

ऐसा दातार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥

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Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥

ओ शंकर भोले, जपती मैं तुमको हरदम (O Shankar Bhole Japti Main Tumko Hardam)

ओ शंकर भोले,
जपती मैं तुमको हरदम,

नमो नमो(Namo Namo)

नमो नमो नमो नमो ॥
श्लोक – सतसाँच श्री निवास,

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो(Hey Saraswati Maa Gyan Ki Devi Kirpa Karo)

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

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