अजब है भोलेनाथ ये, दरबार तुम्हारा - भजन (Ajab Hai Bholenath Ye Darbar Tumhara)

अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


बाघ बैल को हरदम,

एक जगह पर राखे,

कभी ना एक दूजे को,

बुरी नज़र से ताके,

कही और नही देखा हमने,

ऐसा गजब नज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


गणपति राखे चूहा,

कभी सर्प नही छुआ,

भोले सर्प लटकाए,

कार्तिक मोर नचाए,

आज का कानून नही है तेरा,

अनुशाशित है सारे,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


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तमिल हनुमान जयंती कथा

तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

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उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
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पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये (Pat Rakho Gauri Ke Lal Hum Teri Sharan Aaye)

पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥

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