भक्तो के घर कभी आओ माँ (Bhakton Ke Ghar Kabhi Aao Ma)

भक्तो के घर कभी आओ माँ,

आओ माँ आओ माँ आओ माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ,

परिवार तुम्हारा है,

हमें तेरा ही सहारा है,

आओं माँ आओं माँ आओं माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥


तेरे चरणों में बिछ जाएंगे,

पलकों पर तुमको बिठाएंगे,

हम तेरे भजन मीठे मीठे,

गा गाकर तुझे सुनाएगे,

आओं माँ आओं माँ आओं माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥


तू इस जग की महारानी है,

माँ तुझसे प्रीत पुरानी है,

इस दिल में है ढेरों बातें,

माँ आज तुम्हे बतलानी है,

आओं माँ आओं माँ आओं माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥


ये घर मंदिर बन जाएगा,

माँ एक बार तेरे आने से,

रोशन होगा जीवन मेरा,

माँ तेरी ज्योत जलाने से,

आओं माँ आओं माँ आओं माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥


कहने को ये घर मेरा है,

पर इस पे हक़ माँ तेरा है,

दो दिन के किरायेदार है हम,

‘सोनू’ यहाँ रेन बसेरा है,

आओं माँ आओं माँ आओं माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥


आओ माँ आओ माँ आओ माँ,

भक्तो के घर कभी आओं माँ,

परिवार तुम्हारा है,

हमें तेरा ही सहारा है,

आओं माँ आओं माँ आओं माँ,

भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥

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रुक्मिणी अष्टमी की कथा

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