भर दों झोली मेरी गणराजा (Bhar Do Jholi Meri Ganraja)

भर दो झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मैं ना जाऊंगा खाली,

मैया गोरी के लाला गजानन,

तुमको सुमिरे भगत यह तुम्हारा,

जब तलक तू बना देना बिगड़ी,

दर से तेरे ना जाए सवाली।

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली,

भर दो झोली गणेशा,

भर दो झोली गणराजा,

भर दो झोली हम सब की,

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली ॥


सारी दुनिया से आया हूं हारा,

है गणेशा अब तू है सहारा,

जाने क्या भूल मुझसे हुई है,

देवा तूने मुझे है बिसारा,

आया हूं छोटी सी आस को लेकर,

शरण बिठाले तू तो आसरा देके,

करदे रहम बाबा मुझपे भी जरासी,

करदे करदे रहम गणराजा,

तेरी महिमा सभी से निराली,

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली ॥


जानता है ना तू क्या है दिल में मेरे,

बिन सुने गिन रहा है ना तू धड़कने,

आह निकली है तो चांद तक जाएगी,

तेरे तारों से मेरी दुआ आएगी,

कल नहीं आई तो फिर कभी आएगी,

जब तलक तू सुनेगा ना दिल की,

दर से तेरे ना जाए सवाली,

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली ॥


अब तो सुन ले मेरी हो गणराजा,

आ लगा ले तू मुझको भी दिल से,

जब तलक तू मिला दे ना बिछड़ी,

दर से तेरे न जाए सवाली,

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली ॥


भर दो झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मैं ना जाऊंगा खाली,

मैया गोरी के लाला गजानन,

तुमको सुमिरे भगत यह तुम्हारा,

जब तलक तू बना देना बिगड़ी,

दर से तेरे ना जाए सवाली।

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली,

भर दो झोली गणेशा,

भर दो झोली गणराजा,

भर दो झोली हम सब की,

भर दों झोली मेरी गणराजा,

लौटकर मै ना जाऊंगा खाली ॥

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नवरात्री का त्यौहार आया (Navratri Ka Tyohar Aaya)

नवरात्री का त्यौहार आया,
वैष्णो मैया ने हमको बुलाया ॥

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां

सदा भवानी दाहनी।
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पांच देव रक्षा करें,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश।

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सरस्वती नदी की पूजा कैसे करें?

सरस्वती नदी का उल्लेख विशेष रूप से ऋग्वेद, महाभारत, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में किया गया है। वेदों में इसे एक दिव्य नदी के रूप में पूजा गया है और यह ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।

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