भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम (Bhar Pichkari Mari Hai Fag Machayo Shyam)

अरा रा रा रा रा रा रा ….

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्या,

फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम ॥


बरसाने की गली रंगीली ,

लठ लायी सखी छेल छबिली,

संग ठाडी संग ठाडी संग ठाडी,

भानु दुलारी है,

फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,

फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम ॥



कान्हा संग ग्वालो की टोली ,

अबीर गुलाल से भरके झोली,

ओ रंग कीनी रंग कीनी रंग कीनी,

सब ब्रज नारी है,

फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,

फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम ॥


भीगे लेहंगा चूनर साड़ी ,

मिल सखियन ने ले लठ मारी,

ओ ढ़ाल ग्वालो ने ढ़ाल ग्वालो ने ढ़ाल ग्वालो ने,

सिर पे धारी है,

फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,

फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम ॥


पागल दिवाने ग्वाले सारे ,

बरसाने की सखियन सो हारे,

वो पाली वो पाली वो पाली,

देवे गारी है,

फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,

फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम ॥


फाग मचायो श्याम सखी री फाग मचायो श्याम,

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम ॥

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जय गणेश गणनाथ दयानिधि (Jai Ganesh Gananath Dayanidhi)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
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गुरु शिव को बना लीजिए (Guru Shiv Ko Bana Lijiye)

गुरु शिव को बना लीजिए,
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आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द (Aaja Kalyug Me Leke Avtar O Govind)

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द

रुक्मिणी अष्टमी की कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। देवी रुक्मिणी मां लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं और भगवान श्रीकृष्ण की आठ पटरानियों में से एक थीं।

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