संसार के लोगों से आशा ना किया करना(Sansar Ke Logon Se Asha Na Kiya Karna)

संसार के लोगों से आशा ना किया करना,

जब कोई ना हो अपना,

श्री कृष्ण कहा करना ।

कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा


जीवन के समुन्दर में,

तूफ़ान भी आतें हैं,

जो हरि को भजतें हैं,

हरि आप बचाते हैं ।

वो आप ही आएंगे,

बस याद किया करना,

जब साथ ना दे कोई,

श्री कृष्णा जपा करना ॥


यह सोच अरे बन्दे,

प्रभु तुझ से दूर नहीं,

कोई कष्ट हो भगतों को,

प्रभु को मंजूर नहीं ।

भगवान को आता है,

भगतों पे दया करना,

जब कोई ना हो अपना,

श्री कृष्णा कहा करना ॥


मत भूल अरे भैया,

यह देस बेगाना है,

दुनिया में आ कर के,

वापस तुझे जाना है ।

माया के बंधन से,

दिन रात बचा करना,

जब कोई ना हो अपना,

श्री कृष्ण कहा करना ॥


द्रोपदी ने पुकारा था,

प्रभु भी बेचैन हुए,

वो चीर बढ़ाने को,

खुद चीर में प्रगट हुए ।

वोही लाज बचाएंगे,

बस ध्यान किया करना,

जब कोई ना हो अपना,

श्री कृष्ण कहा करना ॥

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मेरी मां के बराबर कोई नहीं

ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान, मैया तेरी
चरणों में झुकें बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी

बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,
कब लोगे खबर मोरे राम,

ओ मैया मैं तुम्हारा, लगता नहीं कोई (O Maiya Main Tumhara Lagta Nahi Koi)

ओ मैया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,

बैंगन छठ की कहानी क्या है

हर साल बैंगन छठ या चंपा षष्ठी का यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इसे बैंगन छठ के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, इस पूजा में बैंगन चढ़ाते हैं इसलिए इसे बैंगन छठ कहा जाता है।

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