भोले के नाम का प्याला पिएंगे: शिव भजन (Bhole Ke Naam Ka Pyala Piyege)

भोले के नाम का प्याला पिएंगे,

भोले के नाम का जप हम करेंगे,

मस्ती में झूमेंगे नाचे गाएंगे,

जब भी भोले मेरे डमरू बजायेंगे ॥


ओ दीवाने ओ मस्ताने,

भोले की ताक़त को तू ना जाने,

जो भी बने भोले के दीवाने,

दुनिया उसे साधु संतो में जाने,

भोले भोले मेरे भोले भोले मेरे,

भोले भोले मेरे भोले भोले ॥


माथे अर्ध चन्द्रमा साजे,

जिसके गले में नाग बिराजे,

भूत प्रेत हो या कोई भी शक्ति,

कुछ भी नहीं है मेरे भोले के आगे,

भोले भोले मेरे भोले भोले मेरे,

भोले भोले मेरे भोले भोले ॥


जो धरती अम्बर को हिला दे,

जिसका जूनून समंदर उछाले,

जिसका त्रिशूल है इतना भयंकर,

अच्छे अच्छो के इसने प्राण निकाले,

भोले भोले मेरे भोले भोले मेरे,

भोले भोले मेरे भोले भोले ॥

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Hamare Do Hi Rishtedar (हमारे दो ही रिश्तेदार)

हमारे दो ही रिश्तेदार,
एक हमारी राधा रानी,

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन (Aiso Ras Racho Vrindavan)

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन,
है रही पायल की झंकार ॥

मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा

मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह त्योहार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक है।

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