गजानंद बेगा आओ, साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ (Gajanand Bega Aao Saath Riddhi Siddhi Ne Lavo)

आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


शुभ लाभ थे सबने बांटों,

भंडारा में थाके काहे को घाटों,

सबसे पहले थाने मनावा गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


महिमा निराली देवा थाकि गजानंद,

रिद्धि सिद्धि पति पूर्ण ब्रम्हानंद,

मोदक को थे भोग लगाओ गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


माता पिता छे थाका गौरी शंकर,

जा का गला में सोहे नाग भयंकर,

गंगा जा के सर पे विराजे गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥

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बाबा तुम जो मिल गए - श्री श्याम (Baba Tum Jo Mil Gaye)

वो नाव कैसे चले
जिसका कोई खेवनहार ना हो,

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा(Holi Khel Rahe Banke Bihari Aaj Rang Baras Raha)

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा
और झूम रही दुनिया सारी,

नए वाहन की पूजा विधि

भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इसी कारण, किसी भी नए कार्य की शुरुआत भगवान की आराधना के साथ की जाती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण परंपरा वाहन पूजा है।

श्री बद्रीनाथजी जी की आरती (Shri Badrinath Ji Ki Aarti)

पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम्,
निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्।

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