गजानंद बेगा आओ, साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ (Gajanand Bega Aao Saath Riddhi Siddhi Ne Lavo)

आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


शुभ लाभ थे सबने बांटों,

भंडारा में थाके काहे को घाटों,

सबसे पहले थाने मनावा गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


महिमा निराली देवा थाकि गजानंद,

रिद्धि सिद्धि पति पूर्ण ब्रम्हानंद,

मोदक को थे भोग लगाओ गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


माता पिता छे थाका गौरी शंकर,

जा का गला में सोहे नाग भयंकर,

गंगा जा के सर पे विराजे गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥

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कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की रमा नाम एकादशी (Kaartik Maas Kee Krshn Paksh Kee Rama Naam Ekaadashee)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् से कहा-प्रभो ! अब आप कृपा करके कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के माहात्म्य का वर्णन करिये। पाण्डुनन्दन की ऐसी वाणी सुन भगवान् कृष्ण ने कहा-हे राजन् !

महालक्ष्म्यष्टकम् (Mahalakhtam)

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

खरमास में शादी-विवाह क्यों रहते हैं बंद

15 दिसंबर से खरमास शुरू होने वाला है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्य जैसे:- शादी-विवाह, गृह प्रवेश या फिर मांगलिक संस्कार नहीं किए जाते ।

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