गणपति राखो मेरी लाज (Ganpati Rakho Meri Laaj)

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज,

पूरण करियो मेरे काज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


सदा रहो खुशहाल,

गणपति लाल,

जो प्रथमें तुम्हे ध्याए,

रिद्धि सिद्धि के दाता,

भाग्यविधाता हो,

सब कुछ तुझसे पाएं,

विनती सुन लो, मेरी आज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज,

पूरण करियो मेरे काज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


जिसके सर पर हाथ हो,

तेरा नाथ,

उसे फिर कैसा डर है,

जपे जो तेरा नाम,

शुबह और शाम,

तो उसका नाम अमर है,

सब देवों के तुम सरताज़,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज,

पूरण करियो मेरे काज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।

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माता चंडी की पूजा विधि

मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं।

मैया बधाईं है बधाईं है (Maiya Badhai Hai Badhai Hai)

मैया बधाई है बधाई है,
बाबा बधाई है बधाई है,

धनु संक्रांति सूर्य अर्घ्य में क्या चढ़ाएं

पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांतियां होती हैं। इन्हीं में से एक धनु संक्रांति है जो इस वर्ष 15 दिसंबर को पड़ रही है। धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन से खरमास शुरू होता है।

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