गणपति तुम सब गण के राजा (Ganpati Tum Sab Gan Ke Raja)

गणपति तुम सब गण के राजा,

गणपति तुम सब गण के राजा,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


आशुतोष सूत तुम दुर्वा से,

तुष्ट होते महाराज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


चन्द्र भाल तनु विशाल शोभित,

राखत बदन प्रलाज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


कठिन काल आया है स्वामी,

राखो सबकी लाज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


गणपति तुम सब गण के राजा,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥

........................................................................................................
मोहनी मुरति साँवरी सूरति(Mohini Murat Sanwali Surat, Aai Basau In Nainan Me)

मोहनी मुरति साँवरी सूरति,
आइ बसौ इन नैनन में ।

दिवाली पूजन कथा

सनातन धर्म में दिवाली का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

भानु सप्तमी कब है ?

भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण तिथि है जो सूर्य देव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।

ओम अनेक बार बोल (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)

ओम अनेक बार बोल, प्रेम के प्रयोगी।
है यही अनादि नाद, निर्विकल्प निर्विवाद।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने