हे दयामय आप ही संसार के आधार हो (Hey Dayamay Aap Hi Sansar Ke Adhar Ho)

हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।

आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥


जन्म दाता आप ही माता पिता भगवान हो।

सर्व सुख दाता सखा भ्राता हो तन धन प्राण हो॥


आपके उपकार का हम ऋण चुका सकते नहीं।

बिन कृपा के शांति सुखका सार पा सकते नहीं॥


दीजिये वह मति बने हम सदगुणी संसार में।

मन हो मंजुल धर्मं मय और तन लगे उपकार में॥


हे दयामय आपका हमको सदा आधार हो।

आपके भक्तों से ही भरपूर यह परिवार हो॥


छोड़ देवें काम को और क्रोध को मद लोभ को।

शुद्ध और निर्मल हमारा सर्वदा आचार हो।


प्रेम से मिल मिल के सारे गीत गायें आपके।

मन में बहता आपका ही प्रेम पारावार हो॥


जय पिता जय जय पिता, हम जय तुम्हारी गा रहे॥

रात दिन घर में हमारे आपकी जयकार हो॥


धन धान्य घर में जो सभी कुछ, आप का ही है दिया।

उसके लिये प्रभु आपको धन्यवाद सौ सौ बार हो॥

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नवरात्री वृत कथा (Navratri Vrat Katha)

माँ दुर्गाकी नव शक्तियोंका दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणीका है। यहाँ श्ब्राश् शब्दका अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तपकी चारिणी-तपका आचरण करनेवाली। कहा भी है वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद, तत्त्व और तप श्ब्राश् शब्दक अर्थ हैं।

बुधवार को किन मंत्रों का जाप करें?

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले गणेश भगवान को याद किया जाता है, ताकि उस काम में कोई बाधा न आए।

राम राम जपो, चले आएंगे हनुमान जी (Ram Ram Bhajo Chale Aayenge Hanuman Ji)

दो अक्षर वाला नाम,
आये बड़ा काम जी,

सत्यनारायण व्रत की महत्वपूर्ण बातें

सनातन धर्म में भगवान सत्यनारायण की पूजा का विशेष महत्व है, जो विशेष दिनों में और नियम से करने की सलाह दी जाती है। यह पूजा भगवान सत्यनारायण को समर्पित होती है।

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