हे गणनायक जय सुखदायक (Hey Gananayak Jai Sukhdayak)

हे गणनायक जय सुखदायक,

जय गणपति गणराज रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


शंकर सुवन भवानी के नंदन,

गौरी पुत्र गणेश, गौरी पुत्र गणेश,

जो कोई मानव तुझको ध्यावे,

मिट जाए सब क्लेश,

विघ्नविनायक कष्टनिवारक,

हे गणपति गणराज रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


लम्बोदर गजवदनविनायक,

मन में करो बसेरा, मन में करो बसेरा,

दर्शन पाकर तुम्हरा दाता,

हो जाए दूर अँधेरा,

ऐसी शक्ति दे दो मुझको,

जपते रहे तेरा नाम रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


गौरी के तुम पुत्र कहाओ,

मूषक वाहन सवारी, मूषक वाहन सवारी,

भरी सभा में आज तू भगवन,

राखो लाज हमारी,

भक्तन के तुम हो रखवारे,

पुरे करो सब काम रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


हे गणनायक जय सुखदायक,

जय गणपति गणराज रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


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लट्ठमार होली कैसे खेली जाती है

बरसाने में लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल 8 मार्च को पड़ रही है। यह त्योहार राधा-कृष्ण के प्रेम की लीलाओं को दर्शाता है।

राजा राम जी की आरती उतारू रे सखी (Sita Ram Ji Ke Aarti Utaru Ae Sakhi)

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन

आई सिंघ पे सवार (Aayi Singh Pe Swar)

आई सिंघ पे सवार,
मईया ओढ़े चुनरी,

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

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