हे वीणा वादिनी सरस्वती, हंस वाहिनी(Hey Veena Vadini Saraswati Bhajan)

हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


तू राह दिखाना मात मेरी

साथ निभाना मात मेरी

अँधियारा है अंतर मन

ज्योत जलना मात मेरी ..x2


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥ ..x2


मन में करुणा भर देती

निष्पाप ह्रदय तू कर देती

भक्ति से तुझे पूजे जो

सुबह आस तू मन में भर देती ..x2


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


........................................................................................................
श्री गंगा चालीसा (Shri Ganga Chalisa)

जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग ।
जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥

चंद्रदेव को प्रसन्न करने के उपाय

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।

मने अच्छा लागे से(Manne Acha Laage Se)

सिया राम जी के चरणों के दास बाला जी,
भक्तों के रहते सदा पास बाला जी,

माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।