हे वीणा वादिनी सरस्वती, हंस वाहिनी(Hey Veena Vadini Saraswati Bhajan)

हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


तू राह दिखाना मात मेरी

साथ निभाना मात मेरी

अँधियारा है अंतर मन

ज्योत जलना मात मेरी ..x2


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥ ..x2


मन में करुणा भर देती

निष्पाप ह्रदय तू कर देती

भक्ति से तुझे पूजे जो

सुबह आस तू मन में भर देती ..x2


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


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दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

होलाष्टक से जुड़े पौराणिक कथा

होलाष्टक का सबसे महत्वपूर्ण कारण हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है। खुद को भगवान मानने वाला हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद की भक्ति से नाराज था।

आओ विनायक म्हारे, आंगणिये पधारो (Aao Vinayak Mhare Aanganiye Padharo)

आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो (Prabhuji More Avgun Chit Naa Dharo)

प्रभुजी मोरे/मेरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,

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