Gurudev Daya Karke Mujhko Apna Lena (गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना)

मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना,

गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।


करूणानिधि नाम तेरा,

करुन दिखलाओ तुम,

सोये हुए भाग्यो को,

हे नाथ जगाओ तुम ।

मेरी नाव भवर डोले,

इसे पार लगा देना,

गुरुदेव दया करके,

मुझको अपना लेना ॥


जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा ।

जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा ॥


तुम सुख के सागर हो,

निर्धन के सहारे हो,

इस तन में समाये हो,

मुझे प्राणों से प्यारे हो ।

नित्त माला जपूँ तेरी,

नहीं दिल से भुला देना,

गुरुदेव दया करके,

मुझको अपना लेना ॥


पापी हूँ या कपटी हूँ,

जैसा भी हूँ तेरा हूँ,

घर बार छोड़ कर,

मैं जीवन से खेला हूँ ।

दुःख का मार हूँ मैं,

मेरा दुखड़ा मिटा देना,

गुरुदेव दया करके,

मुझको अपना लेना ॥


मैं सब का सेवक हूँ,

तेरे चरणों का चेरा हूँ,

नहीं नाथ भुलाना मुझे,

इसे जग में अकेला हूँ ।

तेरे दर का भिखारी हूँ,

मेरे दोष मिटा देना,

गुरुदेव दया करके,

मुझको अपना लेना ॥


इन चरनन की पाऊं सेवा,

जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा ।

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मासिक जन्म अष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा विधि

हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की अष्टमी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे विश्व में कृष्ण भक्तों के द्वारा खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है।

तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो(Tera Dar Mil Gaya Mujhko Sahara Ho To Aisa Ho)

तेरा दर मिल गया मुझको,
सहारा हो तो ऐसा हो ॥

रुक्मिणी अष्टमी पूजा विधि

सनातन धर्म के लोगों की भगवान कृष्ण से खास आस्था जुड़ी है। कृष्ण जी को भगवान विष्णु का ही एक अवतार माना जाता है, जो धैर्य, करुणा और प्रेम के प्रतीक हैं।

तेरे मन में राम, तन में राम (Tere Mann Mein Ram Tan Mein Ram)

तेरे मन में राम,
तन में राम ॥

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