माँ देख तेरा श्रृंगार, करे दिल नाचण का(Ma Dekh Tera Shringar Kare Dil Nachan Ka)

माँ देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का,

नाचण का दिल नाचण का,

चाहे देखूं जितनी बार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


प्यारी सूरत भोली भाली,

सोहे नथनी बिंदियाँ वाली,

प्यारा लागे गले का हार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


ऐसा कोई फूल बचा ना,

जो तेरे गजरे में सजा ना,

माँ महक रहा संसार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


कितना सुन्दर कितना प्यारा,

देख ले ‘सोनू’ आज नजारा,

क्या खूब सजा दरबार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥


माँ देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का,

नाचण का दिल नाचण का,

चाहे देखूं जितनी बार,

करे दिल नाचण का,

मां देख तेरा श्रृंगार,

करे दिल नाचण का ॥

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सभी रूप में आप विराजे (Sabhi Roop Me Aap Viraje Triloki Ke Nath Ji)

सभी रूप में आप विराजे,
त्रिलोकी के नाथ जी,

सूर्य मंत्र

ॐ सूर्याय नमः
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः

सजा दो घर को गुलशन सा (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa)

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आए हैं,

पापमोचनी एकादशी कब है?

पापमोचनी एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह एकादशी फाल्गुन और चैत्र मास के संधिकाल में आती है और इसे साल की अंतिम एकादशी भी माना जाता है।

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