मुझे झुँझनु में अगला जनम देना (Mujhe Jhunjhunu Me Agla Janam Dena)

मेरी भक्ति के बदले वचन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


रोज़ मुझे दर पे बुलाती तू रहना,

हाथ मेरे सर पे फिराती तू रहना,

मेरी झोली में सेवा का धन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


मंदिर तेरा मुक्ति का धाम दादी,

इतना सा करना बस एहसान दादी,

तेरी चौखट पे जीवन मरण देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


आँखों से आंसू बरसने लगे माँ,

सुनने को कान तरसने लगे माँ,

मेरे भजनों में इतना वजन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


जिस चुनड़ी का देव गुणगान करते,

झुक झुक ‘बनवारी’ जिसे प्रणाम करते,

इसके आँचल में मुझको शरण देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


मेरी भक्ति के बदले वचन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥

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पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम (Paar Hoga Wahi Jise Pakdoge Ram)

पार होगा वही,
जिसे पकड़ोगे राम,

सन्तान सप्तमी व्रत कथा (Santana Saptami Vrat Katha)

सन्तान सप्तमी व्रत कथा (यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को किया जाता है।) एक दिन महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् से कहा कि हे प्रभो!

बजरंगी महाराज, तुम्हे भक्त बुलाते है (Bajrangi Maharaj Tumhe Bhakt Bulate Hai)

बजरंगी महाराज,
तुम्हे भक्त बुलाते है,

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै (Domin Beti Soop Nene Thadh Chhe)

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव,

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